Saturday, September 12, 2015

कुछ पंखतिया-२ ………

बड़ा हो गया हूँ ऐसा लोग कहते है ,
आज भी कितना बेवकूफ हूँ सिर्फ तुम जानते हो,
मुझे लोगो ने हँसते हुए देखा,
पर रोते हुए सम्भाला सिर्फ तूने,
ज़िन्दगी के हर मोड़ पे जीतते देखा,
पर मेरी हार पे हौसला बढ़ाया तूने ,
सब ने ज़िन्दगी में आगे बढ़ते देखा ,
,पर जब भी गिरा सम्भाला तूने,
लोगो ने सरहाया तूने ,
पर समझाया तूने,
मेरी कामयाबी क जश्न में सब थे ,
पर नाकामयाबी में साथ था तू,
दोस्त तो बने बहुत,
पर दोस्ती सिखाई तूने।