ज़िन्दगी यूँ तो बड़ा ही संजीदा शब्द है पर मैंने इसे बस ऐसे जी दिया॥
इससे पहले की आप इन उपरोक्त पंक्तियों को देख मेरी उम्र का हिस्साब लगाये में बता दू की मेरी उम्र २१ साल हो गयी है। अब आप ये मत सोचना की ये मेने इसलिए बता दिया क्यूंकि अब में कानून विवाह के बंधन में बंधने योग्य हो गया हूँ। और ये तो कतई मत कहना की देखो हम कितना मुर्ख है हम तो कुछ सोच भी नहीं रहे और ये अपने आपको तिस्मार्खा शाबित करने में लगा है। वैसे अगर देखा जाये तो ऐसा करने में कोई हर्ज़ नहीं है , वैसे भी आज कल सभी यही करने में लगे है ।हो गयी न गलती मुझे पता था की हमेशा की तरह यहाँ भी जो कहना वो छोड़ के सब कह दूंगा , पर वैसे में आज कहूँ क्या मुझे खुद को भी नहीं पता। बस इच्छा कर रही थी की बहुत दिनों से कुछ लिखा नहीं है सो अब क्यूँ न लिखा जाये क्यूँकी यहाँ लिखने में न स्याही लगती है और न ही कागज़ लगता है। वैसे आज जब की ये साल अपने अंत की ओर है और एक नया साल अपने पलक पावडे बिछाए हमारा इंतज़ार कर रहा है। वैसे तो विगत साल मेरे लिए बहुत ही अच्छा रहा जैसा की हर साल रहता है पर ये साल कुछ मायनो में बहुत ही ख़ास था।
जैसा की में पहले भी कह चूका हूँ २१ का हो गया हूँ तो ये ख़ास तो होना ही था। ऊपर से एक इंजीनियरिंग का स्टुडेंट जो की बहुत सी माताओ के लिए अच्छी खबर है। पर मै अभी जल्दी में नहीं हूँ की अपनी इस छोटी आजाद ज़िन्दगी को किसी और के हवाले कर दू। वैसे सही बताऊ तो सही में सबसे अच्छा मेरे लिए ये साल इसीलिए था की मेने २१ का पड़ाव पार कर लिया, क्यूँ की अब इसके बाद मेरे सुभ्चिंताको ने मुझे कुछ गंभीरता से लेना शुरू कर दिया है।
इस साल कुछ अच्छे दोस्त मिले जिसकी मुझे हमेशा जरुरत महसुश होती है। इन में कुछ तो ऐसे थे जिन्होंने मेरे सोचने के तरीके को ही बदल दिया। मुझे ये समझा दिया की हमे खुद की खुसी के दुसरो पे निर्भरता नहीं रखनी चैये क्यूंकि अगर ऐसा हुआ तो वाजीब है की उसके इंकार से हमे ठेस पहुंचे। मेरा नजरिया बदल दिया शायद यही कारण है की अब ग्लास आधा भरा हुआ है।
उम्मीद करता हूँ की आने वाला साल भी अच्छा रहे। वैसे मै चाहूँगा की इस साल कुछ लोगो की शिकायत दूर कर दूँ और यही मेरा इस साल "प्रण"का होगा। जैसे की कुछ की कहना है-
माँ ,"तुम्हे पता है की जानवर भी अपनी जगह साफ़ कर के बैठते है .."
निशांत ,"अगर ऐसे ही हर बात दिल पे लेता रहा तो तेरा कुछ नहीं हो सकता ..."
संकेत ,"यार तू हर छोट्टी-2 बात पर नाराज़ क्यूँ हो जाता है ..."
बंटी,"द ओथेर इज हेल "
पापा ,"मेरा प्रिंस उठता तो जल्दी है पर इसकी घडी इंग्लैंड मै है ..."
वैसे कोशिस होगी की इनकी शिकायत पहले दूर करू ।
और मेरी तरफ से आप सभी को नया साल मुबारक हो.... ।
माँ ,"तुम्हे पता है की जानवर भी अपनी जगह साफ़ कर के बैठते है .."
निशांत ,"अगर ऐसे ही हर बात दिल पे लेता रहा तो तेरा कुछ नहीं हो सकता ..."
संकेत ,"यार तू हर छोट्टी-2 बात पर नाराज़ क्यूँ हो जाता है ..."
बंटी,"द ओथेर इज हेल "
पापा ,"मेरा प्रिंस उठता तो जल्दी है पर इसकी घडी इंग्लैंड मै है ..."
वैसे कोशिस होगी की इनकी शिकायत पहले दूर करू ।
और मेरी तरफ से आप सभी को नया साल मुबारक हो.... ।
wah joshi tu to writer ho gaya yar
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